देश व दुनिया में कोरोना ने खूब तबाही मचा रखी है। अबतक इस महामारी के प्रकोप में आने से लाखों लोगों की जान जा चुकी है। दुनिया में अभी तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी है लेकिन योग गुरु बाबा रामदेव की आयुर्वेदिक कंपनी ने यह दावा किया है कि उनकी कंपनी पतंजलि ने आयुर्वेदिक माध्यमों से कोरोना वायरस की दवाई तैयार कर ली है। पतंजलि द्वारा कोरोना वायरस की दवाई कोरोनिल को लॉन्च भी कर दिया गया है।
पतंजलि का दावा है कि यह दवाई कोरोना वायरस पर असरदार है।
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार (उत्तराखंड) द्वारा कोविड-19 के उपचार के लिए विकसित आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में हाल ही में मीडिया में फ्लैश होने की खबरों का संज्ञान लिया है। उल्लिखित वैज्ञानिक अध्ययन के दावे और विवरण के तथ्य मंत्रालय को ज्ञात नहीं हैं।
संबंधित आयुर्वेदिक दवा निर्माण कंपनी को सूचित किया गया है कि आयुर्वेदिक दवाओं सहित दवाओं के ऐसे विज्ञापनों को ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज अधिनियम, 1954 और नियमों के प्रावधानों के तहत विनियमित किया जाता है।
कोविड-19 के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश। प्रकोप। मंत्रालय ने भी एक राजपत्र अधिसूचना सं L11011 जारी कर दिया था / 8/2020 / के रूप में दिनांक 21 सेंट अप्रैल, 2020 की आवश्यकताओं और ढंग कोविड -19 आयुष हस्तक्षेप के साथ पर अनुसंधान अध्ययन बताते हुए / दवाओं किया जाना चाहिए।
इस मंत्रालय को पूर्वोक्त समाचारों के तथ्यों से अवगत कराने और दावों का सत्यापन करने के लिए, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के कोविड-19 उपचार के लिए दावा की जा रही दवाओं के नाम और संरचना का जल्द से जल्द विवरण उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
साइट / अस्पताल, जहां शोध अध्ययन कोविड -19 के लिए आयोजित किया गया था। प्रोटोकॉल, सैंपल साइज़, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी क्लीयरेंस, सी.टी.आई.आर रजिस्ट्रेशन और रिजल्ट ऑफ़ द स्टडी और इस तरह के दावों का विज्ञापन / प्रचार करना बंद करें।
जब तक कि इस मुद्दे की विधिवत जाँच नहीं हो जाती। मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के संबंधित राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण से अनुरोध किया है कि वह कोविड-19 के उपचार के लिए दावा की जा रही आयुर्वेदिक दवाओं के लाइसेंस और उत्पाद अनुमोदन के विवरण उपलब्ध कराए।
वहीं पतंजलि ने दावा किया कि इस दवाई का शोध पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और हरिद्वारा एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस जयपुर द्वारा किया गया है। दवाई को बनाने का काम पतंजलि व दिव्य फार्मेसी संयुक्त रूप से कर रही हैं।
इस दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई पतंजलि द्वारा तैयार कर ली गई है। हमने इसके टेस्टिंग में यह पाया कि दवाई के कारण 3 दिनों में 69 प्रतिशत मरीज ठीक हुए लेकिन 7 दिनों में इस दवाई से 100 प्रतिशत मरीजों को ठीक किया जा चुका है।
बता दें कि भारत में अबतक कोरोना के मामले 4.40 हजार को पार कर चुका है। वहीं मरने वालों की संख्या भी 14,011 तक पहुंची चुकी है। वहीं दुनिया में इससे लाखों संक्रमित और मारे गए हैं। ऐसे में कोरोना वायरस की दवाई व वैक्सीन का लोगों को बसब्री से इंतजार है।